तालाबों, मछलियों और संसाधनों की सुरक्षा के जरिए आजीविका को सशक्त बनाना — जानिए मछली पालन योजना कैसे ग्रामीण विकास को गति दे रही है।
मत्स्य पालन योजना का उद्देश्य मत्स्यपालकों को तालाब निर्माण, मछली बीज, जाल, मोटर पंप और अन्य आवश्यक संसाधनों के लिए वित्तीय सहायता राशि प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें और मछली पालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित कर सकें।
इस योजना के अंतर्गत ₹50,000 से ₹10 लाख तक की सहायता राशि उपलब्ध है, जिसे तालाब, जाल, बीज, मोटर आदि के लिए उपयोग किया जा सकता है। साथ ही, इस राशि को चुकाने के लिए आसान और सुविधाजनक किस्त योजना भी उपलब्ध है।
यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, आयवृद्धि, और नीली क्रांति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है।
तालाब निर्माण, रखरखाव और मत्स्य पालन से जुड़ी मशीनरी की खरीद के लिए ₹10 लाख तक की सहायता राशि उपलब्ध है।
यह सहायता राशि 1% मासिक ब्याज दर पर उपलब्ध है, जिसे आसान किश्तों में चुकाया जा सकता है।
राज्य ग्रामीण विकास विभागों के माध्यम से परियोजना लागत पर 40% तक की सरकारी सब्सिडी योग्य लाभार्थियों को प्रदान की जा सकती है।
तालाब निर्माण, जाल, मछली बीज, ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली, जल मोटर, चारा भंडारण, और सौर ऊर्जा आधारित उपकरण।
आवेदक भारतीय नागरिक हों और आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
व्यक्तिगत किसान, स्वयंसेवी संस्थाएं (NGO), स्वयं सहायता समूह (SHG) और ग्रामीण उद्यमी आवेदन के पात्र हैं।
बकरी शेड के लिए भूमि का स्वामित्व प्रमाण या लीज़ दस्तावेज़ आवश्यक है।
वित्तीय योजना एवं लेआउट प्लान सहित परियोजना रिपोर्ट अनिवार्य है।
बैंक खाता विवरण और आधार से लिंक किया गया KYC अनिवार्य है।
स्थानीय पशुपालन या ग्राम पंचायत विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) आवश्यक है।
हमारी मछली पालन योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के लिए नीचे दिया गया आवेदन पत्र भरें।